10 मार्च से पहले मप्र भाजपा को मिल जाएगा नया अध्यक्ष
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भोपाल। पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव और फिर भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के कारण अटके भजापा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया अब फिर से शुरू होगी। बूथ, मंडल और जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होगी। माना जा रहा है कि मार्च के पहले सप्ताह में अर्थात 10 मार्च से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। फिलहाल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए आधा दर्जन नाम चर्चा में बने हुए हैं। इसमें मौजूदा प्रदेशध्यक्ष वीडी शर्मा, हेमंत खंडेलवाल, सुमेर सिंह सोलंकी, , हिमाद्री सिंह, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, अर्चना चिटनिस, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का नाम सामने आ रहा है। वहीं अब इस दौड़ में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी शामिल हो गया है।
उल्लेखनीय है कि मप्र में सभी 62 भाजपा जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिलाध्यक्षों के निर्वाचन के बाद माना जा रहा थ कि 15 फरवरी तक प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन भी हो जाएंगे, लेकिन राजधानी भोपाल में सम्पन्न हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते यह प्रक्रिया एक बार फिर टल गई थी। लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया एक बार फिर से गति पकड़ेगी।
दावेदार अनेक, केन्द्र करेगा फैसला
मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के कई दावेदार हैं। इन दावेदारों के नामों पर संगठन के चुनाव अधिकारियों के अलावा केन्द्रीय नेतृत्व विचार कर रहा है। अब देखना है कि संगठन वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को फिर से अवसर देता है अथवा उनका दायित्व परिवर्तन कर मध्यप्रदेश में किसी और को यह जिम्मेदारी सौंपता है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की चर्चा है उनमें, हेमंत खंडेलवाल का नाम है जो वैश्य समाज से आते हैं। एससी वर्ग को अपने पाले में करने के लिए किसी एससी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो लाल सिंह आर्य के नाम पर मुहर लग सकती है। इसी तरह से अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रभाव को देखते हुए सुमेर सिंह सोलंकी, दुर्गादास उइके और गजेंद्र पटेल का नाम भी चर्चा में है। फिलहाल प्रदेश में ओबीसी सीएम वाली सरकार और सामान्य वर्ग वाला प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जातीय समीकरण साधने की जो शुरुआत की गई थी, उसी को आगे बढ़ाए जाने की संभावना अधिक है। इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी इसी फॉर्मूले पर इस बार भी आगे बए़ सकती है। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में ब्राह्मण वर्ग से जो नाम रेस में हैं उनमें पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का नाम सामने आ रहा है। जातिगत समीकरणों की बात करें तो फिलहाल मोहन कैबिनेट में सबसे कम भागीदारी ब्राह्मण वर्ग की है, जिसमें सिर्फ दो मंत्री शामिल हैं। ऐसे में एक बार फिर से इस वर्ग को प्रदेश भाजपा की कमान मिल सकती है।
विजयवर्गीय का नाम भी उछला
प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी उछला है। दरअसल, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन पर राजधानी आए देश के गृह मंत्री अमित शाह की एयरपोर्ट पर प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से हुई मंत्रणा ने भाजपा का सिवासी पारा गर्मा दिया है। इस मंत्रणा को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि शाह ने उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य नेताओं से भी बात की। अमित शाह 25 फरवरी की शाम चार बजे समिट का समापन करने भोपाल आए थे। मानव संग्रहालय से वे करीब पौने छह बजे वापस राजकीय विमानतल के लिए रवाना हुए। सूत्रों की माने तो उन्होंने निकलते ही कैलाश विजयवर्गीय को स्टेट हैंगर पहुंचने का संदेश भिजवाया। बताया जाता है कि विजयवर्गीय अब तक समिट में आयोजित कार्यक्रम से निकलकर इंदौर के लिए रवाना हो चुके थे। रास्ते में उन्हें शाह का संदेश मिला तो वे सीधे स्टेट हैंगर पहुंच गए। यहां दोनों नेताओं के बीच कुछ देर चचर्चा हुई। इस चर्चा को प्रदेश अध्यक्ष चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। गौरतलब है कि बिजयवर्गीय लंबे समय तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके है। इस दौरान वे हरियाणा पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में प्रभारी समेत अन्य भूमिकाओं में भी रहे है। इन राज्यों में भाजपा को बेहतर सफलता भी मिली है। सूत्रों की माने तो शाह को जब कार्यक्रम समापन पर विजयवर्गीय नहीं दिखे तो उन्होंने उनके बारे में पूछा। इसके बाद उन्हें स्टेट हैगर बुलाने को कहा। इस बीच पता चला कि शाह इंदौर के लिए निकले थे पर जाम में उनका वाहन फंस गया है। तब पुलिस को उन्हें जल्दी से स्टेट हैंगर पहुंचाने को कहा गया। यह मैसेज वायरलैस सेंट पर चल गया और यह सूचना बाहर आ गई। वहीं केन्द्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद के मुख्यमंत्री बनने का श्रेय कैलाश विजयवर्गीय को दिया है। इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने आए खट्टर ने कल कहा कि 2014 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव थे तब किसी ने कल्पना नहीं की थी कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बन सकती है। तब कैलाश विजयवर्गीय वहां के प्रभारी थे। उन्होंने वहां इतनी अच्छी व्यवस्था संभाली कि वहां भाजपा की सरकार बन गई और मैं मुख्यमंत्री बना। गौरतलब है कि खट्टर दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे है और अब केन्द्र सरकार में शहरी विकास मंत्री है।
पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र प्रधान करेंगे रायशुमारी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में हो जाना था पर राजनीतिक कारणों से यह लगातार टलता जा रहा है। इन्वेस्टर्स समिट के चलते यह और आगे बढ़ गया था। अब माना जा रहा है कि मार्च के पहले हफ्ते में नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के एक मार्च को भोपाल आने की संभावना सूत्र जता रहे हैं। वे यहां नेताओं से रायशुमारी करेंगे। इसके बाद अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। भाजपा में बूथ से लेकर जिलाध्यक्ष के चयन की चुनाव प्रक्रिया करीब एक माह पहले ही पूरी हो चुकी है। इसके बाद प्रदेश प्रतिनिधियों के नामों का भी चयन सर्वसम्मति से कर लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चुनाव होंगे, इसकी संभावना कम ही है। धर्मेन्द्र प्रधान नेताओं से रायशुमारी कर एक नाम सर्वसम्मति से तय कर लेंगे और फिर उसका ऐलान दिल्ली से कर दिया जाएगा।